तुम भी तो कभी आओ दो चार कदम चलके
मालूम हो के तेल के दाम बढ़ गए ।
खड़े थे धूप में जिन्हें हम साथ लेने को
वो लिफ्ट लेकर गैर की गाड़ी में बढ़ गए ।
जलते हैं अगर लोग तो कोई हर्ज नहीं है
यहाँ तरक्की देख मेरी अपने ही जल गए ।
कुत्तों की टेढ़ी दम कभी सीधी नहीं होती
नादाँ थे मसीहा वो जो सूली पे चढ़ गए ।।
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